उत्तराखंड प्रलय के वक्त हमारी सेना ने अदम्य साहस का परिचय देकर हजारों श्रद्धालुओं को सुरक्षित उनके घर रवाना किया है .
भारतीय सेना को सभी देशवासियों की ओर से हार्दिक धन्यवाद !
तूफानों को थमना सिखा दें ,
हम ज़लज़लों का दिल दहला दें ,
हम भारत माँ के बेटे तब तक दम ना लेते ,
जब तक चुनौती का सिर ना झुका दें !
मुसीबत जो टकराए हम से हो जाती टुकड़े टुकड़े ,
फौलादी अपने इरादे कभी भी नरम न पड़ें ,
आँखें उठाकर जो देंखें अम्बर धरा से मिला दें !
हम भारत माँ के बेटे तब तक दम ना लेते ,
जब तक चुनौती का सिर ना झुका दें !
सारा वतन अपना घर है ये धरती हमारी माता ,
मज़हब हमारा तिरंगा गगन पर रहे फहराता ,
हमें जान की नहीं परवाह वतन पर हँसकर लुटा दें !
हम भारत माँ के बेटे तब तक दम ना लेते ,
जब तक चुनौती का सिर ना झुका दें !
नहीं हम नहीं हैं मसीहा ,नहीं हम नहीं हैं फ़रिश्ते !
हम फ़र्ज़ वो ही निभाते जिसकी शपथ हम हैं लेते !
उफनते हुए दरिया पर पुल हम मिलकर बना दें !
हम भारत माँ के बेटे तब तक दम ना लेते ,
जब तक चुनौती का सिर ना झुका दें !
शिखा कौशिक 'नूतन'
3 टिप्पणियां:
नमस्कार
आपकी यह रचना कल बुधवार (26-06-2013) को ब्लॉग प्रसारण पर लिंक की गई है कृपया पधार कर अपनी प्रतिक्रिया अवश्य रखें |
सादर
सरिता भाटिया
prabhavshali prerak abhivyakti .badhai
शिखा जी .. भारत के नौजवानों के लिए सच्ची सलामी पेश करती है आपकी यह रचना !
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