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शनिवार, 1 दिसंबर 2012

आप मेरे जैसे हो? से साभार

आप मेरे जैसे हो? से साभार 
 
 Photo: शुभ संध्या ।
शादी में बेटे की कीमत मांगते भारी,
यह पिता नहीं हैं, ये हैं व्यापारी !
ऐसे मंगतो के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

औरत की कोख से ही पैदा हुए हैं आप,

फिर भी भ्रूण हत्या का करते जघन्य अपराध,
ऐसे अपराधियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

संसद में बैठ नंगा विडियो चलाते,
घोटालों के सिर पर अपनी तोंद बढाते,
ऐसे बदमाशों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

बलात्कारी हैं निर्लज्जता की हद ये तोडें,
बस चले इनका तो माँ-बहन को न छोडें,
ऐसे बलात्कारियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

नशे में डूब करते जिन्दगी बरबाद,
न अपनो की शर्म न दूजों का लिहाज्,
ऐसे नशेडियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !

संत महात्मा बने फिरते, बडा तिलक लगाते,
गला उनका ही काटें जिन्हें गले लगाते,
ऐसे पापियों के घर मत जाना, चाहे कुंवारी रह जाना !
Photo: लाओ माँ चूल्हा मैं जला देती हूँ,पापा के लिए रोटी आप सेक देना।
Photo: Aakhir Kyun???
 शिखा   कौशिक 

7 टिप्‍पणियां:

ऋता शेखर 'मधु' ने कहा…

बहन चाहिए, पत्नी चाहिए फिर बेटी क्यों नहीं चाहिए?
सार्थक सवाल...मानसिकता बदल रही है मगर धीरे-धीरे!!

Anita Lalit (अनिता ललित ) ने कहा…

काफ़ी जागृति हो गयी है... धीरे-धीरे बाकी भी हो जाएगी... :)

Shalini kaushik ने कहा…

बहुत सार्थक बात कही है आपने. आभार [कौशल ]आत्महत्या -परिजनों की हत्या [कानूनी ज्ञान ]मीडिया को सुधरना होगा

Rajesh Kumari ने कहा…

बहुत सुन्दर प्रभाव शाली कविता लिखी है शिखा जी आज इसी आह्वान की जरूरत है जागरूक करी इस सुन्दर प्रस्तुति के लिए हार्दिक बधाई

kshama ने कहा…

Sahee sawal...aapne mere blog pe kaha,'ek yojana hai'...aapke kis blog pe? Aap pls awgat kara dengee?

Unknown ने कहा…

bilkul sahi sawaal...

fialka012 ने कहा…

♥♥♥♥♥♥