चेतना शून्य ....
देश के जवानो के लिए , देश के लिए मर मिटना सौभाग्य की बात ही होती है। ये नीरा ने हजारो बार अपनी सास नमिता जी के मुहँ से सुनी है। सीमा पर हजारो जवानो के साथ नीरा का पति यानि नमिता जी का बेटा राघव भी तैनात है। कई दिन हो गए राघव की कोई खबर नही आयीं। नमिता जी व्यग्र हो गयी है। हर उस शख्स को जो राघव के बारे में खबर दे सके उससे सम्पर्क करके राघव के बारे में पड़ताल कर रही है।
सफलता हाथ नही लगते देख आखिर सैन्य विभाग में हो फोन करना बेहतर समझा । राघव के पिता खुद ने सैन्य अफसर से फोन पर बात की तो पता चला राघव को पंजाब भेजा गया है जहाँ हिन्दुओ और सिख समाज के लोगो में आपसी मतभेद के कारण उपजे झगड़े ने उग्र रूप धारण कर लिया है और उसमय तैनात सेबना के कई जवान शहीद हुए है उनमे राघव का भी नाम है।
जैसे ही यह मनहूस खबर सुनी दीनदयाल जी चेतना शून्य हो गए।
फोन उनके हाथ से छूट गया।
शान्ति पुरोहितब
सफलता हाथ नही लगते देख आखिर सैन्य विभाग में हो फोन करना बेहतर समझा । राघव के पिता खुद ने सैन्य अफसर से फोन पर बात की तो पता चला राघव को पंजाब भेजा गया है जहाँ हिन्दुओ और सिख समाज के लोगो में आपसी मतभेद के कारण उपजे झगड़े ने उग्र रूप धारण कर लिया है और उसमय तैनात सेबना के कई जवान शहीद हुए है उनमे राघव का भी नाम है।
जैसे ही यह मनहूस खबर सुनी दीनदयाल जी चेतना शून्य हो गए।
फोन उनके हाथ से छूट गया।
शान्ति पुरोहितब
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