मलिन वदन ले विदा हो रहा वर्ष एक पल-पल ,
उदित हो रहा मधुर हास मुख लेकर वर्ष-नवल ,
नवप्रभात में त्याग निराशा का जर्जर -आँचल ,
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
…………………………………………………….
ना टेकेंगे घुटने अपने अन्यायी के आगे ,
वज्र-ह्रदय कर टकरायेंगे जब तक वो ना भागे ,
कट जाने का ;मिट जाने का भय न मन में व्यापे ,
भाई-भतीजावाद के बंधन आओ मिलकर काटें ,
सत्य-न्याय के पथ पर तत्क्षण जन-जन चले सकल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
………………………………………………………….
नहीं निवाला मुंह में रखें देख किसी को भूखा ,
सरस बनें ,करुणामय हों ,व्यवहार करें न रूखा ,
देख विपत्ति में किसी जन को अपना हाथ बढ़ाएं ,
मानव हैं तो मानवता का अपना धर्म निभाएं ,
देख परायी आखें-नम हो अपने नयन सजल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
………………………………………………….
नारी के गौरव की रक्षा घर-बाहर चहुँ ओर ,
ना हर पाये पापी रावण एक भी सीता और ,
नहीं कोख में नन्हीं कलियाँ और कुचलने देंगें ,
फूलों सी बेटी पर हम तेजाब न डालने देंगें ,
अबला से बनवाना है नारी को अति-सबल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
…………………………………………………………………….
टूट न जाएँ सम्बल अपना चलना संभल-संभल ,
आत्म-निरक्षण करते जाना रखना है संयम ,
नहीं फिसलना ,ना ललचाना ,ना होना विह्वल ,
ना घबराना ,ना इतराना ,ना होना चंचल ,
इच्छा-शक्ति दृढ़ रखना व् हो उत्साह प्रबल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
उदित हो रहा मधुर हास मुख लेकर वर्ष-नवल ,
नवप्रभात में त्याग निराशा का जर्जर -आँचल ,
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
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ना टेकेंगे घुटने अपने अन्यायी के आगे ,
वज्र-ह्रदय कर टकरायेंगे जब तक वो ना भागे ,
कट जाने का ;मिट जाने का भय न मन में व्यापे ,
भाई-भतीजावाद के बंधन आओ मिलकर काटें ,
सत्य-न्याय के पथ पर तत्क्षण जन-जन चले सकल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
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नहीं निवाला मुंह में रखें देख किसी को भूखा ,
सरस बनें ,करुणामय हों ,व्यवहार करें न रूखा ,
देख विपत्ति में किसी जन को अपना हाथ बढ़ाएं ,
मानव हैं तो मानवता का अपना धर्म निभाएं ,
देख परायी आखें-नम हो अपने नयन सजल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
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नारी के गौरव की रक्षा घर-बाहर चहुँ ओर ,
ना हर पाये पापी रावण एक भी सीता और ,
नहीं कोख में नन्हीं कलियाँ और कुचलने देंगें ,
फूलों सी बेटी पर हम तेजाब न डालने देंगें ,
अबला से बनवाना है नारी को अति-सबल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
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टूट न जाएँ सम्बल अपना चलना संभल-संभल ,
आत्म-निरक्षण करते जाना रखना है संयम ,
नहीं फिसलना ,ना ललचाना ,ना होना विह्वल ,
ना घबराना ,ना इतराना ,ना होना चंचल ,
इच्छा-शक्ति दृढ़ रखना व् हो उत्साह प्रबल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
शिखा कौशिक ‘नूतन ‘
2 टिप्पणियां:
बहुत सुन्दर।
सुप्रभात।
नववर्ष में...
स्वस्थ रहो प्रसन्न रहो।
आपका दिन मंगलमय हो।
अबला से बनवाना है नारी को अति-सबल !
हर्षोल्लास ह्रदय में भरकर लें संकल्प अटल !
बहुत सुंदर संदेश देती पंक्तियाँ..नये वर्ष के लिए हार्दिक शुभकामनायें !
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