युग बदला है ...तुम भी बदलो !
बेटी को भी जीने का हक़ दो !
दो-दो कुलों का ये मान बढ़ाएगी !
बेटी ही बचाएगी ..बेटी ही बचाएगी ..!
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नन्हीं -नन्हीं कलियों को यूँ न कुचलो कोख में !
जन्म इनको लेने दो खेलने दो गोद में !
ये ही तो खिलकर जगत महकाएंगी !
बेटी ही बचाएगी ..बेटी ही बचाएगी ..!
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इनको पढ़ाओ ...आगे बढ़ाओ !
इन पर भी अपना प्यार लुटाओ !
बदले में सौ गुना तुम को लौटायेगी !
बेटी ही बचाएगी ..बेटी ही बचाएगी ..!
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बेटे व् बेटी में भेद न करना !
बेटी करेगी सच हर सपना !
मौका दो खुशियों का परचम फहराएगी !
बेटी ही बचाएगी ..बेटी ही बचाएगी ..!
शिखा कौशिक 'नूतन'
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