स्त्री देह को उघाड़कर
पुरुष की हवस को हवा देने वाली
चुप क्यों हो ?
छिपी हो कहाँ ?
''दामिनी '' पर हुई दरिंदगी में
अपना गुनाह क़ुबूल करो !
पूनम पांडे एंड कम्पनी हाज़िर हो !!
मुन्नी बदनाम हुई , हू ला ला ,
शीला की जवानी ,चिकनी-चमेली
बनकर थिरकती और नोट बटोरती
मलैका ,विद्या ,कैटरीना और करीना
क्यों छिप जाती हो
स्त्री देह को आइटम बनाकर
अपने अति सुरक्षित बंगलों में ?
हर आम स्त्री की अस्मत पर
होते हमलों में अपना गुनाह क़ुबूल करो !
आइटम सॉग की मल्लिकाओं हाज़िर हो !!
नारी होकर नारी के सम्मान को डसती
आम नारी की गरिमा के गले में
फंदे सी कसती ,
नारी देह को माल बनाकर
बेचती ,मनोरंजन के नाम पर अश्लीलता
परोसती ,
सड़क पर गुजरती ,बस में जाती
आम युवती पर कसी जाती फब्तियों में
अपना गुनाह क़ुबूल करो
राखी सावंत एंड कम्पनी हाज़िर हो !!
शिखा कौशिक 'नूतन'
5 टिप्पणियां:
बहुत सही बात कही है आपने .सार्थक भावनात्मक अभिव्यक्ति शुभकामना देती ”शालिनी”मंगलकारी हो जन जन को.-२०१३
शिखा जी , बहुत अच्छा लिखा है आपने... वास्तव में नारी देह को नुमाइशी सामान बनाने वाले भी बराबर के ही दोषी हैं.
thanks shalini ji & shalini ji
आप को नव वर्ष मंगल मय हो,इतना बल मिले कि समाज में व्याप्त बुराइयों से लड़ती रहे मनोकवच ऐसा ही दृढ़ रहे कि उस पर कोई कुप्रभाव न पड़े !-
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बात एकदम सटीक है |अस्मत पर आँच नहीं आने दी यहाँ की नारियों ने, साहस से सामना करते हुये प्राण दे दिये |यही ऐतिहासिक सत्य है भारत का |अपने देश की अच्छाइयों को सुरक्षित रखते हुये पाश्चात्य सभ्यता के उचित मानकों को अपनाएं !
सारी उम्मीदें बस दूसरों से ही हैं, अपनी बेटियों के लिए ये प्रदर्शनकारी क्या कर रहे हैं ?
दामिनी के साथ बलात्कार करने वाले शराब के नशे में थे। नशा इंसान के अंदर के हैवान के बंधन खोल देता है। हरेक नशेड़ी मुजरिम हो, यह ज़रूरी नहीं है लेकिन मुजरिम नशे का आदी ज़रूर होता है। दामिनी के लिए न्याय की आवाज़ उठाने वालों में से किसी ने भी नशीली चीज़ों की बिक्री पर रोक की मांग नहीं उठाई। ऐसा दोग़ला है यह समाज। नेता और पुलिस को कोसने वाले ये मां-बाप ख़ुद नशीली चीज़ों का सेवन करते हैं और उन्हें देखकर उनसे यह आदत उनके बच्चे सीख लेते हैं। जो लोग रोज़ नहीं पीते वे शादी-ब्याह में पीना बुरा नहीं मानते। जो अपने घर में नहीं पीते, वे अपने मेहमानों की ख़ातिर में अपने घर को मयकदा ज़रूर बनाते हैं। नशेड़ी मेहमानों की बातें और अपनी तरफ़ उठती बद-निगाहें देखकर उनकी बेटियों पर क्या गुज़रती है ?
इसका ध्यान कौन करता है ?
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