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शनिवार, 6 अक्तूबर 2012

नारी को पहचानो


(1)छन्न पकैया छन्न पकैया ,आई अपनी बारी 
  अब जुल्मों को नहीं सहेगी ,ये भारत की नारी 
(2)छन्न पकैया छन्न पकैया,चाकू या कुल्हारी 
  कोई भी धमकी दो चाहे ,नहीं झुकेगी नारी 
(3)छन्न पकैया छन्न पकैया,फेंक दो ये तलवार 
  तुम अब ये गलती ना करना,तुरंत करेगी वार 
(4)छन्न पकैया छन्न पकैया,हिम्मत की ये आरी 
  कंठ कटने देगी अपना,अब ये शिक्षित नारी 
(5)छन्न  पकैया, छन्न  पकैया,नारी देवी सामान 
  जीवन स्वर्ग बन जाएगा ,दोगे अगर सम्मान 
(6)छन्न  पकैया, छन्न  पकैया,खुशियों की फुलवारी 
  उच्च गगन को चूम रही है ,हर क्षेत्र में नारी 
(7)छन्न  पकैया, छन्न  पकैया,सारा भारत  जागा
  ये शक्ति  से बनी  पतंग है,  कट सकेगा धागा 
(8)छन्न  पकैया, छन्न  पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया 
   कुछ ही वर्षों में बस समझो  ,जग का हुआ सफाया  
(9)छन्न  पकैया, छन्न  पकैया, नारी को पहचानो 
    नाम का उसके सही परिचय ,शक्ति रूप में जानो 

9 टिप्‍पणियां:

रचना दीक्षित ने कहा…

नारी शक्ति को जगाने का आह्वान अनुपम प्रयास है इस कविता के रूप में.

बहुत सुंदर. बधाई.

Aditi Poonam ने कहा…

बहुत बढ़िया छंद ,स्त्री के महत्व को रेखांकित करती सुन्दे अभिव्यक्ति

Aditi Poonam ने कहा…

बहुत बढ़िया छंद,स्त्री शक्ति के महत्व को रेखांकित करती सुंदर रचना

Rajesh Kumari ने कहा…

बहुत बहुत शुक्रिया रचना जी

Rajesh Kumari ने कहा…
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

संदेश के लिये आभार !

प्रतिभा सक्सेना ने कहा…

चुने हुये लिंक और अंत में सार्थक संदेश ,
आपके परिश्रम का फल हम पा रहे हैं .आभार !

virendra sharma ने कहा…

8)छन्न पकैया, छन्न पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया
कुछ ही वर्षों में बस समझो ,जग का हुआ सफाया

नर नारी का विषम होता अनुपात ,मचाएगा एक दिन उत्पात .

Shalini kaushik ने कहा…

bahut prabhavi prastuti .