अब जुल्मों को नहीं सहेगी ,ये भारत की नारी
(2)छन्न पकैया छन्न पकैया,चाकू या कुल्हारी
कोई भी धमकी दो चाहे ,नहीं झुकेगी नारी
(3)छन्न पकैया छन्न पकैया,फेंक दो ये तलवार
तुम अब ये गलती ना करना,तुरंत करेगी वार
(4)छन्न पकैया छन्न पकैया,हिम्मत की ये आरी
कंठ न कटने देगी अपना,अब ये शिक्षित नारी
(5)छन्न पकैया, छन्न पकैया,नारी देवी सामान
जीवन स्वर्ग बन जाएगा ,दोगे अगर सम्मान
(6)छन्न पकैया, छन्न पकैया,खुशियों की फुलवारी
उच्च गगन को चूम रही है ,हर क्षेत्र में नारी
(7)छन्न पकैया, छन्न पकैया,सारा भारत जागा
ये शक्ति से बनी पतंग है, कट न सकेगा धागा
(8)छन्न पकैया, छन्न पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया
कुछ ही वर्षों में बस समझो ,जग का हुआ सफाया
(9)छन्न पकैया, छन्न पकैया, नारी को पहचानो
नाम का उसके सही परिचय ,शक्ति रूप में जानो
9 टिप्पणियां:
नारी शक्ति को जगाने का आह्वान अनुपम प्रयास है इस कविता के रूप में.
बहुत सुंदर. बधाई.
बहुत बढ़िया छंद ,स्त्री के महत्व को रेखांकित करती सुन्दे अभिव्यक्ति
बहुत बढ़िया छंद,स्त्री शक्ति के महत्व को रेखांकित करती सुंदर रचना
बहुत बहुत शुक्रिया रचना जी
संदेश के लिये आभार !
चुने हुये लिंक और अंत में सार्थक संदेश ,
आपके परिश्रम का फल हम पा रहे हैं .आभार !
8)छन्न पकैया, छन्न पकैया, कन्या भ्रूण मिटाया
कुछ ही वर्षों में बस समझो ,जग का हुआ सफाया
नर नारी का विषम होता अनुपात ,मचाएगा एक दिन उत्पात .
bahut prabhavi prastuti .
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