चंचल चुप थी
एक अरसे से
पति के घर से
निकाल दी गयी हैं
पिछले ही महीने
न ही दहेज़ मिला था
न ही रूप सुंदरी थी
न कमाती थी पैसा
आज जिद पर अड़ी हैं
उसे भी खरीदनी हैं
लाल चूड़ियाँ
परसों उसका पहला
करवा चौथ जो हैं
.................................नीलिमा शर्मा —
12 टिप्पणियां:
satya ko abhivyakt karti sundar abhivyakti badhai
thank you shalini jee
thank u so much Sahni jee . Aabhar aapka
bahut badhiya nilima ji
सत्य का प्रभावशाली चित्रण नीलिमा जी..बहुत खूब!
thank u upasna
thank u shalini jee
सटीक व् सामयिक प्रस्तुति .आभार
वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .
Thank u so much Shikha jee
वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .bahut khoob .......... shukriya Virendra jee
वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .bahut khoob .......... shukriya Virendra jee
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