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सोमवार, 29 अक्तूबर 2012


चंचल चुप थी
एक अरसे से

पति के घर से
निकाल दी गयी हैं
पिछले ही महीने

न ही दहेज़ मिला था
न ही रूप सुंदरी थी
न कमाती थी पैसा

आज जिद पर अड़ी हैं
उसे भी खरीदनी हैं
लाल चूड़ियाँ
परसों उसका पहला
करवा चौथ जो हैं

.................................नीलिमा शर्मा —
 —

12 टिप्‍पणियां:

Shalini kaushik ने कहा…

satya ko abhivyakt karti sundar abhivyakti badhai

Unknown ने कहा…

thank you shalini jee

Unknown ने कहा…

thank u so much Sahni jee . Aabhar aapka

nayee dunia ने कहा…

bahut badhiya nilima ji

shalini rastogi ने कहा…

सत्य का प्रभावशाली चित्रण नीलिमा जी..बहुत खूब!

Unknown ने कहा…

thank u upasna

Unknown ने कहा…

thank u shalini jee

Shikha Kaushik ने कहा…

सटीक व् सामयिक प्रस्तुति .आभार

virendra sharma ने कहा…


वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .

Unknown ने कहा…

Thank u so much Shikha jee

Unknown ने कहा…

वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .bahut khoob .......... shukriya Virendra jee

Unknown ने कहा…

वाह कोई नादानी सी नादानी है .औरत पे उनकी कितनी मेहरबानी है .वो सुहाग की निशानी हैं .bahut khoob .......... shukriya Virendra jee