शुक्र मना बिटिया रानी
लेने दिया हमने जन्म तुझे ;
वरना निपटाते कोख में ही
क्यों बात नहीं तू ये समझे ?
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शुक्र मना बिटिया रानी
तेरा ब्याह किया ; दहेज़ दिया ;
तेरी खातिर तेरे बाप ने है
अपमान का कितना गरल पिया !
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शुक्र मना बिटिया रानी
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शुक्र मना बिटिया रानी
पतिदेव ने केवल पीट दिया ;
कितने पतियों ने पत्नी को
निज अहम् की आग में झोंक दिया .
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शुक्र मना बिटिया रानी
तू मरी सुहागन दुनिया में ;
जीवन भर किया ज़लील तुझे
पर श्राद्ध किया बड़ी श्रद्धा से !!!
SHIKHA KAUSHIK
6 टिप्पणियां:
very right .
marmik par satya!
बेटी को हर बात के लिए शुक्र ही मनाना पड़ता है तभी वो इस निर्मम दुनिया में जी पाती है। बढ़िया प्रस्तुति।
Excellent post
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aur kitna shukra manaye bitiya raani!!!!
बहुत बहुत सुंदर रचना प्रस्तुत की है आपने। इसके लिए धन्यवाद।
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