बीवी और शौहर
रात भर जागी बीवी दर्द से जो तडपा शौहर ;
कभी बीवी के लिए क्यों नहीं जगता शौहर ?
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करे जो काम बीवी फ़र्ज़ हैं उसको कहते ;
अपने हर काम को अहसान क्यों कहता शौहर ?
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रहो हद में ये हुक्म देता बीवी को ;
मगर खुद पर कोई बंदिश नहीं रखता शौहर .
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नहीं है हक़ बीवी को उठा ले आँखें ;
जरा सी बात पर क्यों हाथ उठाता शौहर ?
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शौहर के लिए दुनिया छोड़ देती बीवी ;
कहे दुनिया तो उसी को छोड़ता शौहर .
शिखा कौशिक 'NUTAN '
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