! रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !
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किलकारी मारें बजाकर खन खन कंगना ,
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
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मैय्या कौशल्या उर आनंद लहरे उमड़े ,
पैय्या चले तो पकड़ने को वे दौड़े ,
लेती बलैय्या आँचल में हैं छिपती ललना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
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चारों भैय्या मिलकर माखन चुराते हैं ,
बड़े हैं भाई राम सबको खिलाते हैं ,
माटी के बर्तन फोड़ें आये पकड़ में ना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
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राम के मुख की शोभा बरनि न जाये है ,
सुन्दरता देख उन्हें खुद पर लजाये है ,
शोभा की खान राम किसी से क्या तुलना !
नन्हें से राम लल्ला खेलें दशरथ के अंगना !
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शिखा कौशिक 'नूतन '
2 टिप्पणियां:
nice post .! रामनवमी पर्व की हार्दिक शुभकामनायें !
भावभीनी रचना..
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