आंसू-आंसू में अंतर है भिन्न-भिन्न मुस्कानें ,
जीवन धारण करने वाला जन-जन ये पहचाने !
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एक आंसू में पीड़ा घुलकर भिगो रही है पलकें ,
हर्ष के कारण कभी कभी आँखों में आंसू छलकें ,
कौन है खरा कौन है मीठा पीने वाला जाने !
आंसू आंसू में अंतर है भिन्न-भिन्न मुस्कानें !
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धनवानों की आँख का आंसू मोती है कहलाता ,
किन्तु निर्धन का आंसू तो मिटटी में मिल जाता ,
कौन इकठ्ठा कर दोनों को जायेगा तुलवाने !
आंसू आंसू में अंतर है भिन्न-भिन्न मुस्कानें !
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आंसू की भांति ही होता मुस्कानों में अंतर ,
अधरों पर आकर क्षण में कर देती दुःख छू मंतर ,
मनोभाव के दर्शन होते मुस्कानों के बहाने !
आंसू आंसू में अंतर है भिन्न-भिन्न मुस्कानें !
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शिशु-अधरों पर आती है ये स्वच्छ सलिल सी निश्छल ,
कुटिल बनी कैकेयी -अधरों पर सजती हाय निर्मम ,
मधुर मेनका -अधरों पर आती ऋषि को भरमाने !
आंसू आंसू में अंतर है भिन्न-भिन्न मुस्कानें !
शिखा कौशिक 'नूतन'
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4 टिप्पणियां:
bahut sundar abhivyakti .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (02-03-2014) को "पौधे से सीखो" (चर्चा मंच-1539) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
लाजवाब प्रस्तुति!
bahut khub.......
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