जीवन के अर्णव में डूबे ढूंढी दो पहचानें !
आँखों में आंसू के मोती अधरों पर मुस्कानें !
............................................................................
आशा का उज्ज्वल प्रभात व् गहन निराशा -तम भी ,
नवजात शिशु की किलकारी व् मृत्यु का मातम भी ,
एक हवेली जीवन जिसमें सुख-दुःख के तहखाने !
आँखों में आंसू के मोती अधरों पर मुस्कानें !
.............................................................
स्वप्नों की मेंहदी रचती व् उजड़े मान किसी की ,
एक के सिर पर सेहरा सजता अर्थी उठे किसी की ,
मीठा-कड़वा फल-जीवन जो चूसे वो ही जाने !
आँखों में आंसू के मोती अधरों पर मुस्कानें !
..........................................................
मेहनत कर एक हाड़ गलाता दो रोटी न पाता ,
बिन मेहनत के कोई कोई मेवे रोज़ चबाता ,
कोई पीटता छाती अपनी कहीं गाने और बजाने !
आँखों में आंसू के मोती अधरों पर मुस्कानें !
शिखा कौशिक 'नूतन'
2 टिप्पणियां:
बढ़िया
यही जीवन है
एक टिप्पणी भेजें