ऐसे लड़के घर में रहे -लघु कथा
सुरभि ज्योंही हाथ में किताबें लेकर ट्यूशन के लिए घर से चली उसका बड़ा भाई सोनू उसे धमकाते हुए बोला -'' चल घर के अन्दर ...कोई जरूरत नहीं ट्यूशन पर जाने की .मेरे दोस्त आमिर ने बताया कि कुछ लड़के रोज़ छेड़ते हैं तुझे आते-जाते .उन सालो को तो मैं देख लूँगा पर तू चल घर में ..हमें अपनी बदनामी नहीं करवानी !!' सुरभि पलट कर कोई जवाब देती इससे पहले ही सोनू के कंधे पर पीछे से किसी ने हाथ रखा .सोनू ने मुड़कर देखा ये उनके पिता जी थे .पिता जी व्यंग्यमयी वाणी में बोले -'' वाह बेटा वाह ! तेरी बदनामी ? कल तेरे कपूर अंकल बता रहे थे तू कैसे गली के चौराहे पर दोस्तों के साथ खड़ा रहकर औरों की बहनों को छेड़ता है .सुरभि तू ट्यूशन पर चल और सोनू तू जा घर के अन्दर .कायदे में ऐसे लड़के घर के अन्दर रहें तो सड़कों का माहौल अपने आप सुधर जायेगा .'' ये कहकर पिता जी ने सोनू को अन्दर जाने का इशारा किया और स्वयं सुरभि को छेड़ने वाले लड़कों की खबर लेने के लिए सुरभि के पीछे चल दिए !!
शिखा कौशिक 'नूतन'
मेरी कहानियां
ऐसे लड़के घर में रहे -लघु कथा do not copy |
सुरभि ज्योंही हाथ में किताबें लेकर ट्यूशन के लिए घर से चली उसका बड़ा भाई सोनू उसे धमकाते हुए बोला -'' चल घर के अन्दर ...कोई जरूरत नहीं ट्यूशन पर जाने की .मेरे दोस्त आमिर ने बताया कि कुछ लड़के रोज़ छेड़ते हैं तुझे आते-जाते .उन सालो को तो मैं देख लूँगा पर तू चल घर में ..हमें अपनी बदनामी नहीं करवानी !!' सुरभि पलट कर कोई जवाब देती इससे पहले ही सोनू के कंधे पर पीछे से किसी ने हाथ रखा .सोनू ने मुड़कर देखा ये उनके पिता जी थे .पिता जी व्यंग्यमयी वाणी में बोले -'' वाह बेटा वाह ! तेरी बदनामी ? कल तेरे कपूर अंकल बता रहे थे तू कैसे गली के चौराहे पर दोस्तों के साथ खड़ा रहकर औरों की बहनों को छेड़ता है .सुरभि तू ट्यूशन पर चल और सोनू तू जा घर के अन्दर .कायदे में ऐसे लड़के घर के अन्दर रहें तो सड़कों का माहौल अपने आप सुधर जायेगा .'' ये कहकर पिता जी ने सोनू को अन्दर जाने का इशारा किया और स्वयं सुरभि को छेड़ने वाले लड़कों की खबर लेने के लिए सुरभि के पीछे चल दिए !!
शिखा कौशिक 'नूतन'
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1 टिप्पणी:
बिल्कुल सही किया यही होना चाहिए...
सुंदर अभिव्यक्ति!!
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