कायरता की बात मत मुझसे किया करो ,
जब भी तुम भयभीत हो मुझसे मिला करो !
मैं तुम्हारे अंत:करण से सब भय मिटा दूंगा ,
मैं तुम्हारे ह्रदय में साहस-दीप जगा दूंगा !
मैं कौन हूँ ? मैं क्या हूँ ?मुझसे मत पूछो ,
मैं हूँ वही जिसके तुम प्रतिपल साथ रहते हो ,
कभी खुद ,कभी ईश्वर ,कभी रब -ईसा कहते हो !
सबके ह्रदय के भीतर जो रोशनी हैं रहती ,
पाप-कर्म के कारण मंद-मंद हैं रहती !
मैं वही हूँ ,तुम्हारी ही एक दिव्य-छवि हूँ !
और सुनो तुम्हारे पाप ही भय के कारण हैं ,
तुम छिपा सकते हो दुनिया से
पर मैं तो तुम्हारे ह्रदय की ज्योति हूँ
सब स्वयं ही जान लेती हूँ !
चलो उठकर अपने पापों से तौबा कर लो ,
फिर देखो तनिक भी कायरता और भय न होगा
तुम प्रज्ज्वलित दीपक के समान होगे
और सर्वत्र तुम्हारे लिए स्वर्ग की तरह सुन्दर होगा !
शिखा कौशिक 'नूतन'
4 टिप्पणियां:
very nice post .
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज शनिवार (17-05-2014) को "आ गई अच्छे दिन लाने वाली एक अच्छी सरकार" (चर्चा मंच-1614) पर भी है!
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जनतऩ्त्र ने अपनी ताकत का आभास करा दिया।
दशकों से अपनी गहरी जड़ें जमाए हुए
कांग्रेस पार्टी को धूल चटा दी और
भा.ज.पा. के नरेन्द्र मोदी को ताज पहना दिया।
नयी सरकार का स्वागत और अभिनन्दन।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
सुंदर प्रस्तुति...
आप ने लिखा...
मैंने भी पढ़ा...
हम चाहते हैं कि इसे सभी पड़ें...
इस लिये आप की ये रचना...
19/05/2013 को http://www.nayi-purani-halchal.blogspot.com
पर लिंक गयी है...
आप भी इस हलचल में अवश्य शामिल होना...
बहुत सुन्दर .....
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