एक गाना आजकल बीजेपी की तरफ से खूब प्रचारित किया जा रहा है ''हम मोदी जी को लाने वाले हैं ..अच्छे दिन आने वालें हैं '' पर जसोदा बेन के लिए शायद जीवन का सबसे अच्छा दिन कल ''९अप्रैल २०१४'' था जब इन मोदी जी ने अपने बड़ोदरा से चुनाव नामांकन पत्र में पत्नी के कॉलम को खाली न छोड़कर 'जसोदा बेन ' का नाम भरा .
[गुजरात की वडोदरा लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया। मोदी अपने राजनीतिक करियर में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। ]
[मोदी ने नामांकन के साथ पेश किए गए हलफनामे में पहली बार अपनी पत्नी का जिक्र किया। पत्नी के कॉलम के आगे मोदी ने जसोदाबेन का नाम लिखा है। ]
चार बार विधायक का चुनाव लड़ते समय उन्होंने ये कॉलम खाली छोड़ा था .नैतिकता का झंडा उठाने वाले श्री मोदी में यदि थोड़ी सी भी नैतिकता होती तो विपक्षियों को ये मुद्दा उठाने की जरूरत ही न पड़ती .विश्व के इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ होगा कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को पत्नी का दर्ज़ा देने में इतना समय लगाया हो .इतने वर्षों की मानसिक प्रताड़ना को जसोदा बेन ने कैसे सहा होगा ये केवल उनका दिल ही जान सकता है .एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद अर्पित करती हूँ जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और इतने बड़े स्तर पर उठाया की श्री मोदी जैसे छली पति को आखिरकार जसोदा बेन को उसका हक़ देना ही पड़ा .
[गुजरात की वडोदरा लोकसभा सीट से नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपना नामांकन दाखिल किया। मोदी अपने राजनीतिक करियर में पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। ]
[मोदी ने नामांकन के साथ पेश किए गए हलफनामे में पहली बार अपनी पत्नी का जिक्र किया। पत्नी के कॉलम के आगे मोदी ने जसोदाबेन का नाम लिखा है। ]
चार बार विधायक का चुनाव लड़ते समय उन्होंने ये कॉलम खाली छोड़ा था .नैतिकता का झंडा उठाने वाले श्री मोदी में यदि थोड़ी सी भी नैतिकता होती तो विपक्षियों को ये मुद्दा उठाने की जरूरत ही न पड़ती .विश्व के इतिहास में शायद ये पहली बार हुआ होगा कि एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी को पत्नी का दर्ज़ा देने में इतना समय लगाया हो .इतने वर्षों की मानसिक प्रताड़ना को जसोदा बेन ने कैसे सहा होगा ये केवल उनका दिल ही जान सकता है .एक भारतीय नागरिक होने के नाते मैं उन सभी लोगों का धन्यवाद अर्पित करती हूँ जिन्होंने इस मुद्दे को उठाया और इतने बड़े स्तर पर उठाया की श्री मोदी जैसे छली पति को आखिरकार जसोदा बेन को उसका हक़ देना ही पड़ा .
शिखा कौशिक 'नूतन'
2 टिप्पणियां:
बहुत दिन धैर्य रखा इन्तजार किया अब सब शुभ हो ..ऐसा होना नहीं चाहिए था
भ्रमर ५
प्रचार में महिलाओ के सम्मान और सशक्तिकरण की बात करने वाले मोदी जी कथनी और करनी में अन्तर होता है..
एक टिप्पणी भेजें