इब है कहाँ जातिवाद !!!-लघु कथा
''जातिवाद भारतीय समाज के लिए जहर है ''इस विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाना था . संगोष्ठी आयोजक महोदय ने अपने कार्यकर्ताओं को पास बुलाया और निर्देश देते हुए बोले -'' देखो . . वो सफाई वाला है न . . अरे वो चूड़ा . . उससे धर्मशाला की सफाई ठीक से करवा लेना . वो चमार का लौंडा मिले . . अरे वही भूरू का लौंडा . . उससे कहना जेनरेटर की व्यवस्था ठीक -ठाक करवा दे . कोने वाली चाय की दुकान वाले सैनी से बोल देना ठीक दो बजे से पहले चाय -समोसा कार्यस्थल पर पहुंचा दे कल को . बामन ,बनियों ,सुनारों ,छिप्पियों इन सबके साइन तू करवा लायो ठाकुर सूचना रजिस्टर में और जैन साहब से कहियो कुर्सियों का इंतजाम करने को . जाट -गुर्जरों को पीछे बैठाने का इंतजाम करियो ओ पंडित ! बहुत हो हल्ला मचावे हैं ये . पानी पिलाने का काम तेरे जिम्मे रहेगा राजपूत .बर्तन माँजने को उस धीमरी . . क्या नाम है ? चल कुछ भी उसे बुला लियो . . . अच्छा और कुछ पूछना हो इभी पूछ लियो . चलो कुछ नी पूछना तमे . ढंग से कर लियो सब इंतजाम . . कहीं मेरा नाम बदनाम करा दो कि चौधरी साब पे इतेक सा काम न कराया गया छोरों से . मेरी समझ में तो यूँ नी आता ऐसे मुद्दों पर बहस की जरूरत ही क्या है ?इब है कहाँ जातिवाद !!!
शिखा कौशिक ' नूतन'
इब है कहाँ जातिवाद !!!-लघु कथा सर्वाधिकार सुरक्षित |
''जातिवाद भारतीय समाज के लिए जहर है ''इस विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया जाना था . संगोष्ठी आयोजक महोदय ने अपने कार्यकर्ताओं को पास बुलाया और निर्देश देते हुए बोले -'' देखो . . वो सफाई वाला है न . . अरे वो चूड़ा . . उससे धर्मशाला की सफाई ठीक से करवा लेना . वो चमार का लौंडा मिले . . अरे वही भूरू का लौंडा . . उससे कहना जेनरेटर की व्यवस्था ठीक -ठाक करवा दे . कोने वाली चाय की दुकान वाले सैनी से बोल देना ठीक दो बजे से पहले चाय -समोसा कार्यस्थल पर पहुंचा दे कल को . बामन ,बनियों ,सुनारों ,छिप्पियों इन सबके साइन तू करवा लायो ठाकुर सूचना रजिस्टर में और जैन साहब से कहियो कुर्सियों का इंतजाम करने को . जाट -गुर्जरों को पीछे बैठाने का इंतजाम करियो ओ पंडित ! बहुत हो हल्ला मचावे हैं ये . पानी पिलाने का काम तेरे जिम्मे रहेगा राजपूत .बर्तन माँजने को उस धीमरी . . क्या नाम है ? चल कुछ भी उसे बुला लियो . . . अच्छा और कुछ पूछना हो इभी पूछ लियो . चलो कुछ नी पूछना तमे . ढंग से कर लियो सब इंतजाम . . कहीं मेरा नाम बदनाम करा दो कि चौधरी साब पे इतेक सा काम न कराया गया छोरों से . मेरी समझ में तो यूँ नी आता ऐसे मुद्दों पर बहस की जरूरत ही क्या है ?इब है कहाँ जातिवाद !!!
शिखा कौशिक ' नूतन'
7 टिप्पणियां:
satya
आपकी इस शानदार प्रस्तुति की चर्चा कल मंगलवार २३/७ /१३ को चर्चा मंच पर राजेश कुमारी द्वारा की जायेगी आपका वहां हार्दिक स्वागत है सस्नेह ।
आज की प्रजातांत्रिक व्यवस्था पर सीधा प्रहार करती लघु कथा निःशब्द हूँ हृदय से बधाई
वह तो स्वभाव में है -मुँह से कुछ ौर निकलता ही नहीं!
बहुत सुन्दर प्रस्तुति है
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें
http://saxenamadanmohan.blogspot.in/
thanks everyone for precious comments
बहुत स्पष्टवादिता है लेखन में ... अच्छा लगा ...
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