''आधार वाक्य -पाप से घृणा करो पापी से नहीं !''
*सट्टेबाजी से घृणा करो आई .पी .एल . से नहीं !
*एक़े. 47 से घृणा करो संजय दत्त से नहीं !
*पाकिस्तानी सेना से घृणा करो पाकिस्तानी सरकार से नहीं !
*फिसलती जुबान से घृणा करो शिंदे साहब से नहीं !
*पी .एम् .ओ . से घृणा करो डॉ .मनमोहन सिंह से नहीं !
*साम्प्रदायिक दंगों से घृणा करो श्री नरेन्द्र मोदी से नहीं !
*राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं से घृणा करो श्री लाल कृष्ण आडवानी से नहीं !
*दबंगई से घृणा करो राजा भैय्या से नहीं !
* काले धन से घृणा करो स्विस बैंक से नहीं !
*अश्लीलता से घृणा करो सन्नी लियोन से नहीं !
और अंत में -
घोटालो से घृणा करो नेताओं से नहीं !
बात है सच्चे सोने सी चौबीस कैरेट सही !
आने वाले हैं चुनाव दिल में न रखना खोट !
दागी हैं तो क्या हुआ हमको ही देना वोट !
शिखा कौशिक 'नूतन '
8 टिप्पणियां:
sachchi bat kahi hai ji.
बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा आज बृहस्पतिवार (22-05-2013) के झुलस रही धरा ( चर्चा - १२५३ ) में मयंक का कोना पर भी है!
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
जबरदस्त चोट...
कुँवर जी,
इससे बढ़िया व्यंग्य और क्या हो सकता है
लाजवाब
सादर!
THANKS A LOT SHALINI JI ,SHASTRI JI , KUWAR JI V SHIVNATH JI
क्या सटीक कहा है .....सच्ची-सच्ची ...
करारा प्रहार बेहतरीन सोच !
बहुत खूब |
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