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रविवार, 12 मई 2013

एक यादगार दिवस (अखिल भारतीय महिला आश्रम में मनाया मातृ दिवस)

अखिल भारतीय महिला आश्रम देहरादून में आज मातृ दिवस पर उत्तराखंड महिला एसोसिएशन द्वारा प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसमे मैंने और मेरी प्रिय मित्र डॉ . नूतन गैरोला और कल्पना आत्रे ने अपना सहयोग दिया। माँ को पत्र लेखन में मुझे और नूतन जी को पुरस्कृत किया गया । हमने वृद्ध महिलाओं (जिनको आश्रम में छोड़ दिया गया )और बच्चों को कपडे और खाने का सामान वितरित किया । मैंने माँ के ऊपर लिखी एक ग़ज़ल गायी  । हम दोनों ने माँ को लिखे पत्र पढ़े ,वहां नन्ही नन्ही बच्चियों (जिनमे कोई अनाथ है या किसी को माता - पिता ने खुद आश्रम में छोड़ दिया) से बाते की ,कई बार माहौल ग़मगीन भी हुआ कुछ वृद्ध महिला की आँखों से तो अश्रु की झड़ी भी लगी थी । मेरी मित्र नूतन और खुद मैं पत्र पढ़ते हुए भावुक हो उठे थे। एक यादगार दिन जिसको हम कभी नहीं भूल सकते दिल में लेकर भारी दिल से उन बच्चों और महिलाओं से विदा लेकर वापस लौट कर आये ,पर आते हुए एस लग रहा था की हमारे और उनके बीच कोई भावनात्मक रिश्ता बन चुका है अतः फिर मिलने का वादा कर हमने विदा ली ----सबको मात्र दिवस की शुभकामनाएं ।---देखिये कुछ चित्र वहां के 
वृद्ध बेसहारा महिलाओं को कपडे और खाद्य सामग्री भेंट करते हुए मैं और मेरी प्रिय मित्र डॉ नूतन गैरोला 
यहाँ मीडिया को एक ग्रुप फोटो देते हुए सबके साथ 
यहाँ माँ के नाम पत्र पढ़ते हुए मैं 
यहाँ महिला आयोग की अध्यक्ष सुशीला बलूनी जी से पुरस्कार लेते हुए 
आश्रम की प्यारी बच्चियां जो मदर डे पर अपनी माँ के लिए तरसती दिखाई दी 
हम सब ने कहा आप से हमें माँ कह सकती हो 
हिन्दुस्तान व् अन्य अखबारों ने  उस आयोजन की बढ़िया कवरेज दी 
बच्चों ने हाथ हिल कर हमको विदा किया और हम फिर मिलने का वादा करके भारी मन से लौट आये ,किन्तु मदर डे पर हमें भगवान् ने हमे इतना अच्छा तोहफा दिया इतने प्यारे बच्चे और माओं से मिलवाया ,हमे एक मकसद दिया । 
अब अंत में अपनी प्रस्तुति का एक विडियो दिखाना चाहती हूँ 
और मातृ दिवस की एक बार फिर से शुभकामनायें देती हूँ 
अब देखिये विडियो ------

7 टिप्‍पणियां:

Guzarish ने कहा…

bahut hi sarahniye kary didi
aur gajal to bahut hi achhi likhi hai aur gai hai

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

chaliye kuchh samay ke liye hi sahi unhe kushi to mili ...dil bhar aaya ..aapki is prastuti se

Rajesh Kumari ने कहा…

प्रिय सरिता एवं निशा जी आपका हार्दिक आभार

कविता रावत ने कहा…

बहुत ही सुन्दर अभिनव प्रस्तुति ..
इस तरह के कार्यकर्मों से निश्चित से समाज में एक सुखद सन्देश पहुंचता है ..आभार

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' ने कहा…

बहुत सुन्दर चित्रमयी प्रस्तुति!
माँ को नमन!

Shikha Kaushik ने कहा…

thanks rajesh ji to share this here .

Unknown ने कहा…

bahut achcha matrdiwas -kuch maao se jud kar unhe sammanit karne ka --sunder pryas --