नई दिल्ली ।। पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर में रेप के साथ-साथ पाशविक बर्बरता का शिकार हुई 5 साल की बच्ची का मामला देख कर एक बार फिर निर्भया का मामला सबकी आंखों के सामने आ गया। बच्ची का इलाज कर रहे डॉक्टर बता रहे हैं कि उन्होंने ऐसी क्रूरता की घटना नहीं देखी थी।
गौरतलब है कि पांच महीने पहले 16 दिसंबर को दिल्ली में निर्भया के साथ गैंग रेप की भयावह घटना ने पूरे देश को उद्वेलित कर दिया था। उस घटना में रेप के साथ ही आरोपियों ने जिस तरह की निर्दयता दिखाई थी, वह रोंगटे खड़े कर देने वाली थी। उस घटना को 6 महीने भी नहीं हुए हैं और इसी दिल्ली में 5 साल की बच्ची के साथ हुई इस खौफनाक घटना ने एक बार फिर सबको सकते में डाल दिया है।
5 साल की यह मासूम लड़की 14 अप्रैल से गायब थी। उसे उसी बिल्डिंग में ग्राउंड प्लोर में रहने वाले एक युवक ने अपने कमरे में हाथ-पैर बांध कर कैद कर रखा था। उसने बार-बार बच्ची के साथ रेप किया। लगातार पीड़ा से बच्ची बेहोश हो गई थी।डॉक्टरों के मुताबिक लड़की इस कदर तकलीफ और खौफ से गुजरी है कि वह ठीक से कुछ बता भी नहीं पा रही। उसके पेट के निचले हिस्से से प्लास्टिक की शीशी और मोमबत्ती निकली है। उसका गला काटने की भी कोशिश हुई थी। वह अपने खून से सनी हुई थी। इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि ऐसी क्रूरता का केस उनके सामने कभी नहीं आया।
उसकी हालत अब भी गंभीर है। डॉक्टर अगले 48 घंटों को उसकी जिन्दगी के लिए बेहद अहम बता रहे हैं।
पुलिस का रवैया भी वैसा ही अमानवीय
निर्भया वाले मामले में पुलिस के रवैये को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए गए थे। इस मामले में भी पुलिस का रवैया वैसा ही लापरवाही भरा और कई मामलों में तो उस घटना से बदतर रहा। न केवल पुलिस चार दिनों तक बच्ची को खोजने का कोई कारगर प्रयास नहीं कर सकी, बल्कि बाद में जब बच्ची मिल गई और उसके साथ हुई अमानवीय हरकत की सामने आ गई तब भी पुलिस ने कथित तौर पर बच्ची के पिता को 2000 रुपए की रिश्वत देते हुए उनसे कहा कि इस घटना का जिक्र मीडिया से न करें।
5 टिप्पणियां:
बिलकुल सही हैवानियत ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है
हैवानियत की सीमा भी पार हो चुकी है क्या आज..धिक्कार है..
सही कहा हैवानिअत भी सीमा तोड़ चूका है
सही कहा हैवानिअत भी सीमा तोड़ चूका है
सही कहा हैवानिअत भी सीमा तोड़ चूका है
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