जीवन एक ऐसी पहेली है जिसके बारे में बात करना वे लोग ज्यादा पसंद करते हैं जिन्होंने कदम-कदम पर सफलता पाई हो.उनके पास बताने लायक काफी कुछ होता है. सामान्य व्यक्ति को तो असफलता का ही सामना करना पड़ता है.हम जैसे साधारण मनुष्यों की अनेक आकांक्षाय होती हैं. हम चाहते हैं क़ि गगन छू लें; पर हमारा भाग्य इसकी इजाजत नहीं देता.हम चाहकर भी अपने हर सपने को पूरा नहीं कर पाते .यदि मन की हर अभिलाषा पूरी हो जाया करती तो अभिलाषा भी साधारण हो जाती .हम चाहते है क़ि हमें कभी शोक ;दुःख ; भय का सामना न करना पड़े.हमारी इच्छाएं हमारे अनुसार पूरी होती जाएँ किन्तु ऐसा नहीं होता और हमारी आँख में आंसू छलक आते है. हम अपने भाग्य को कोसने लगते है.ठीक इसी समय निराशा हमे अपनी गिरफ्त में ले लेती है.इससे बाहर आने का केवल एक रास्ता है ---आत्मशक्ति पर विश्वास;------
राह कितनी भी कुटिल हो ;
हमें चलना है .
हार भी हो जाये तो भी
मुस्कुराना है;
ये जो जीवन मिला है
प्रभु की कृपा से;
इसे अब यूँ ही तो बिताना है.
रोक लेने है आंसू
दबा देना है दिल का दर्द;
हादसों के बीच से
इस तरह निकल आना है;
न मांगना कुछ
और न कुछ खोना है;
निराशा की चादर को
आशा -जल से भिगोना है;
रात कितनी भी बड़ी हो
'सवेरा तो होना है'.
शिखा कौशिक 'नूतन'
7 टिप्पणियां:
आत्मशक्ति पर विश्वास ही ... हमारी हर मुश्किल से मुक्ति दिलाता है ...
बहुत ही अच्छी प्रस्तुति ... प्रकाशन पर बधाई सहित शुभकामनाएं
रात कितनी भी बड़ी हो
'सवेरा तो होना है'.
यही उम्मीद आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है|
शिखा जी ये प्रस्तुति दुबारा पढ़ी उतनी ही अच्छी लगी बहुत बहुत बधाई आपको
too gud
nice presentation .guru poornima kee badhai न्यायालय का न्याय :प्रशासन की विफलता
राह कितनी भी कुटिल हो ;
हमें चलना है .
हार भी हो जाये तो भी
मुस्कुराना है;
शिखा जी बहुत सुन्दर सन्देश ....जीवन में आशा का दामन और मुसुकुराहट धैर्य कभी भी खोना नहीं चाहिए अंतिम दम तक ...
जय श्री राधे ...बधाई आप की इस प्यारी रचना के मुद्रित होने पर
भ्रमर 5
aap sabhi ka hardik aabhar .
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