अरे छोडो ये बनावटी मोहब्बत ये दिखावे के रिश्ते इन झूठे दिखावे से मोहब्बत नहीं की जाती बहुत सारा समय उम्र बीत जाती है मोहब्बत को सजाने में ये बबूल का पेड़ है यहां हर कोई फल नहीं लगा सकता क्योंकि मोहब्बत गुलाब के फूल की तरह होती है किसी के हाथ कांटे गड़ जाते हैं तो किसी के हाथो में खुशबू रह जाती है
काँटे गड़ के भी जख्म ज़िंदगी भरके लिए दे जाते हैं पर खुशबू तो थोड़ी देर ही रह पाती है
छोडो यार ये इश्क़ है ये तुम्हारे बस की बात नहीं यहां दिखावो का खेल नहीं चलता सिर्फ दिल की बात होती है
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गुरुवार, 23 जून 2016
ये मोहब्बत
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5 टिप्पणियां:
काँटों में फूल
खुशबू लीजिये
हाथ मत लगाइये
waahhhh
View nice
सुन्दर व सार्थक रचना प्रस्तुतिकरण के लिए आभार!
मेरे ब्लॉग की नई पोस्ट पर आपका स्वागत है...
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