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सोमवार, 12 अगस्त 2013

दोनों ही उत्सव हैं बंधु जीवन की सौगात !

Funeral : White casket covered with floral arrangements at a funeral service
आज  है मैंने अर्थी  देखी  कल  देखी  बारात  ,
दोनों ही उत्सव  हैं बंधु  जीवन  की सौगात  !
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बजते द्वारे ढोल -नगाड़े थाल बजाये जाते ,
विवाह-जन्म के उत्सव आँगन को चहकाते  ,
मगर खड़ी होती है एक दिन द्वारे उलटी खाट !
दोनों ही उत्सव  हैं बंधु  जीवन  की सौगात  !
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बारातों में बाराती बन शामिल होते हम सब  ,
अर्थी के पीछे चलते कर राम नाम का हम जप ,
विवाह के मंडप देखे हमने देखे शमशान -घाट !
दोनों ही उत्सव  हैं बंधु  जीवन  की सौगात  !
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शहनाई -किलकारी से आनंदित घर और आँगन ,
और कभी सन्नाटे भीषण चिर वियोग के कारण ,
कभी गुलाबी सर्दी के दिन कभी गम की है बरसात !
दोनों ही उत्सव  हैं बंधु  जीवन  की सौगात  !

शिखा कौशिक 'नूतन'

4 टिप्‍पणियां:

कालीपद "प्रसाद" ने कहा…

आज है मैंने अर्थी देखी कल देखी बारात ,
दोनों ही उत्सव हैं बंधु जीवन की सौगात !

जीवन के कटु सत्य को उकेरती सुन्दर रचना
latest post नेता उवाच !!!
latest post नेताजी सुनिए !!!

दिगम्बर नासवा ने कहा…

जीवन की सौगात ... सच है जीवन मृत्यु अपने बस में नहीं होते ... सौगात है समय की ..

Unknown ने कहा…

अच्छी रचना

शिवनाथ कुमार ने कहा…

जन्म और मृत्यु दोनों सौगात ही हैं
सुन्दर